छोटे से पौधे में लगेंगे ढेर सारे फल, घर के गमले में आसानी उगाए आँवला

आज मैं आपको एक ऐसे गुणकारी सुपर फूड के पौधे को घर पर उगाने का तरीका बताउंगी, जो विटामिन मिनरल्स और न्यूट्रिएंट्स से लोडेड होता है मैं बात कर रही हूँ आंवले के पौधे की।
आवलें के फल का सिर्फ अचार मुरब्बा जूस और तेल नहीं बनाया जाता है, बल्कि इसका उपयोग कई तरह की बीमारियों के इलाज की दवाइयां बनाने में भी काम आता है। तो चलिए जानते हैं कैसे आप अपने घर के गार्डन में आंवले का पौधा लगा सकते हैं।
कैसे उगाए आंवला
आप आंवले के पौधे को तीन तरीके से ऊगा सकते हैं पहला बीज की मदद से, दूसरा ग्राफ्टिंग की मदद से तो आज में आपको ये तीनो मेथड की मदद से आंवले का पौधा घर के गार्डन में उगा सकते हैं।
बीज से उगाए आंवला
आंवला का पौधा उगाने के लिए सबसे पहले आपको फ्रेश सीड्स की जरुरत पड़ेगी। सीट्स के लिए आप बड़े फल वाली वैराइटीज के आंवले लेना हैं। सक्सेसफुल जर्मिनेशन के लिए हमेशा पके हुए आंवले ही लेना चाहिए।
अब आंवले के बीज को निकलने के लिए इसे 24 घंटे के लिए इसे पानी में डाल दीजिए। ये सॉफ्ट हो जाने के बाद इसके अंदर के बीज निकाल ले।

जर्मिनेशन मिक्स बनाए
जर्मिनेशन मिक्स बनाने के लिए 50% वर्मी कंपोस्ट और 50% कोकोपीट को मिलाकर हल्का गिला कर लीजिए। अब ड्रेनेज होल्स वाला पॉट लेकर उसमें मिक्सर को भर दीजिए सीट्स को बराबर डिस्टेंस पर लगभग 1 सेमी गहरा लगाकर कवर कर दीजिए।
अब इसमें पर्याप्त मात्रा में पानी दीजिए। जर्मिनेशन होने तक इसमें हमेशा नमी बनाए रखना होगा और इसे सेमी शेड एरिया में रखना होगा। लगभग 25 दिन बाद सीड जर्मिनेट हो जाएंगे।

गमले का करें चयन
अब इस जर्मिनेट हुए पौधे को गमले में ट्रांसप्लांट कर लें। अब इसकी मिटटी बनाने के लिए हमे बराबर मात्रा में गार्डन की मिट्टी, वर्मी कम्पोस्ट, रेत और दो मुट्ठी नीम खली पाउडर को मिलाकर अच्छे से मिक्स कर लीजिए।
आंवले के पौधे को ऐसी मिट्टी चाहिए होती है जिसमें पानी ज्यादा देर तक ना रुके और मिट्टी न्यूट्रिएंट्स से भरपूर भी हो। अब इस मिट्टी को गमले में भरकर इसमें आंवले का पौधा को लगा दीजिए। इस पौधे को 1 साल तक रूट बाउंड होने तक उगाना हैं।
पर्याप्त मात्रा में दें पानी
इसे अच्छी तरह से पानी देकर ऐसी जगह पर रखे जहां सुबह तीन चार घंटे के धूप आती हो इसमें पानी तभी देना है जब छूने पर ऊपर की मिट्टी सुखी लगे अगर पानी ज्यादा देंगे तो पौधा गल सकता है।
लगभग एक साल की देखभाल के बाद बीच से उगाया हुआ आंवले का पौधा लगभग 4 फीट का हो गया है और काफी हेल्दी भी है इसकी जड़ों ने पूरे गमले को भर लिया है।

ग्राफ्टिंग करें
एक साल पुराने इस पौधे में हम अब ग्राफ्टिंग करेंगे। ग्राफ्टिंग वह तकनीक होती है जिसमें बीच से उगाए हुए पौधे के रूट स्टॉक को बीच से काटकर इसके ऊपर फल देने वाले बड़े पेड़ की कलम यानी की साइन को जोड़ देते हैं।
अब फल देने वाले पेड़ से कलम के लिए ब्रांच सिलेक्ट करना है अगर आपके आसपास आंवले का कोई फलदार पेड़ है तो उसकी कटिंग ले सकते हैं।
शार्प कटर लेकर उसे सेनेटाइज़ कर लीजिए अब प्लांट को दो-तीन इंच ऊपर से काट लें कलम यानी साइन के लिए हमें उतनी ही मोती ब्रांच लेना है जितना मोटा शीट ग्रोथ प्लांट का तना हो।
अब रूट स्टॉक को ठीक बीच से 2 इंच गहराई तक इस तरह से काटिए। अब 4-5 इंच ब्रांच का टुकड़ा लेकर इसके ऊपर से पत्तियों को हटा दीजिए। कलम को इस तरह से आगे पीछे की तरफ से तिरछा काट लीजिए।
इसे इतना ही काटना है जितना गहरा कट रूट स्टॉक में लगाया है। अब रूट स्टॉक में कलम को इस तरह से फसाइये की दोनों परफेक्टली आपस में जुड़ जाएं इसे ग्राफ्टिंग टिप्स से या सेलो टेप से बंद कर दीजिए।

अब इसे ट्रांसपेरेंट पॉलिथीन से कवर करके हल्का लूज बंद दीजिए इसे शमी शेड एरिया में रखना है। इसमें पानी तभी देना है जब छूने पर ऊपर की मिट्टी सुखी महसूस हो।
लगभग 60 दिन के बाद इसमें नई-नई ब्रांचेस और ढेर सारी नई पत्तियां निकल जाएगी। लगभग 2 साल बाद इसमें फ्लॉवरिंग आना शुरू हो जाएगी।
फ्लावरिंग शुरू होते ही ऑर्गेनिक कंपोस्ट देकर पौधे को फर्टिलाइजर कीजिए। फूल आना शुरू होने के बाद इसमें पानी बहुत कम देना है।
फ़र्टिलाइज़र तैयार करें
माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी पुरी करने के लिए मार्च से लेकर सितंबर के बीच इन 6 महीना में हर महीने में एक बार म समुद्री सवाल एक्सट्रैक्ट लिक्विड को 1 लीटर पानी में मिलाकर पूरे पौधे पर अच्छी तरह से स्प्रे कीजिए और ऐसा ही एक लीटर पानी बनाकर मिट्टी में भी डालिए इससे फल फूल गिरेंगे नहीं और फलों का साइज भी बड़ा होगा।
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